10 किमी की रफ्तार से हवा चले तो एनसीआर को मिल सकती है वायु प्रदूषण से निजात

 


10 किमी की रफ्तार से हवा चले तो एनसीआर को मिल सकती है वायु प्रदूषण से निजात



दिल्ली और एनसीआर में वायु गुणवत्ता के बेहद गंभीर स्तर ने केन्द्र, दिल्ली सरकार और केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड तथा एजेंसियों की नाक में दम कर दिया है। सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट (सीएसई) के सीनियर मैनेजर विवेक चट्टोपाध्याय का कहना है कि बृहस्पतिवार शाम को जारी हुआ आंकड़ा भी काफी भयावह है। यह हृदय, फेफड़े आदि रोगियों के लिए जानलेना जैसा है। 


 

विवेक कहना है कि सबसे खराब स्थिति हवा की है। यह कोई 2.4 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हैं। इसके कारण हवा में मौजूद पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5, पीएम10, लाइट्रोजन डाई आक्साइड, कार्बन मोनाआक्साइड जैसी गैसें भी दिल्ली एनसीआर में स्थिर सी हो गई हैं। हालांकि विवेक ने उम्मीद जताई है कि शुक्रवार की शाम से स्थिति में सुधार की शुरुआत हो सकती है।

बताते हैं कल यानी बुधवार को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का इंडेक्स 456 अंक पर था। आज की हवा की गुणवत्ता कल से भी खराब दर्ज की गई है। बृहस्पितिवार शाम को गाजियाबाद में वायुगुणवत्ता का सूचकांक पीएम2.5 को केन्द्र में रखकर 486 अंक पर था। ग्रेटर नोएडा में 467, दिल्ली में 34 स्थानों की मॉनिटरिंग में औसत 463, फरीदाबाद में 437 और गुणगांव में 412 रहा। 

गुणगांव में सबसे कम लेकिन सभी स्थानों की वायुगुणवत्ता आपात स्थिति में ही है। बताते हैं प्रदूषण पूरे क्षेत्र में फैला है। हवा न तो ऊपर उठ रही है और नहीं किसी एक क्षेत्र में तेजी से बह रही है। इसके चलते प्रदूषणकारी तत्व दूर तक फैल भी नहीं पा रहे हैं और खतरनाक स्थिति बनी हुई है।

बच्चे, बूढ़े, रोगी घर में ही रहें

विवेक चट्टोपाध्याय का कहना है कि हवा की गुणवत्ता बेहद खतरनाक स्तर पर है। ऐसे में दिल, फेफड़े समेत अन्य गंभीर बिमारियों के रोगियों के लिए सलाह है कि बाहर न निकलें। घर में रहें, सावधानी बरतें, मास्क लगाकर रहें। व्यायाम, जॉगिंग से परहेज करें। विवेक का कहना है कि दिल्ली, एनसीआर के स्कूल बंद हो गए हैं, लेकिन अभिभावक भी ध्यान दें। 

बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें। उन्हें खेलने या पार्क में न टहलने दें। दरअसल वायु की गुणवत्ता खराब होने पर जब जॉगिंग या एक्सरसाइज की जाती है तो शरीर की नाक से सांस लेने के दौरान हवा को भीतर ले जाने क्षमता बढ़ जाती है। ऐसे में हवा में मौजूद हानिकारक तत्व सांस की नली, फेफड़े, हृदय समेत शरीर के अन्य अंगों में पहुंचकर भारी नुकसान पहुंचाते हैं।

तेज हवा या बारिश देगी राहत

मौसम वैज्ञानिकों, सीएसई के विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश या तेज हवा का बहाव ही वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति से राहत दे सकता है। सूत्र का कहना है कि हेलीकाप्टर से पानी के छिड़काव से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। क्योंकि जिस तरह से वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति है, उस हिसाब से बहुत बड़े पैमाने पर पानी के छिड़काव की जरूरत पड़ेगी। 

बताते हैं शुक्रवार की शाम से हवा की रफ्तार में तेजी आने की संभावना बताई गई है। ऐसा होने पर शनिवार को वातावरण में थोड़ी राहत मिल सकती है। लेकिन फिर भी वायुगुणवत्ता की स्थिति आपातकाल से बहुत खराब स्थिति में ही पहुंचेगी। संतोषजनक स्थिति तक आने में अभी समय लग सकता है।